थोडस मनातलं ............
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Tuesday, March 16, 2010
हास्य ........
एक निरागस हास्य ........
दगडालाही पाझर फोड़ते
एक विकट हास्य ......
काळजालाही पोखरुन काढते
एक प्रेमळ हास्य ......
मायेची पाखरण करते
एक मोहक हास्य ......
डोळ्यांची झोपच उड़वते
एक स्मित हास्य .......
गर्दीतही आपलेपणा देते
कोमल
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